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Thursday, March 31, 2011

सपनों की समस्या के हल

नींद में अधिकांश लोगों को सपने आते हैं। सपने भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं। सपनों की दुनिया पूरी तरह अवास्तविक होती है, पर हां सपने हमारे भविष्य के संबंध में कुछ संकेत अवश्य करते हैं। सपने का ज्योतिष शास्त्र काफी गहरे अर्थ बताए गए हैं। अच्छे सपने आते हैं तब तो ठीक हैं परंतु कई लोगों को डरवाने और बुरे सपने आते हैं जिससे वे कई बार चौंककर उठ जाते हैं। कोई सपने में देखता है कि किसी से उसकी जान को खतरा है, कोई भूत-प्रेत आदि देखता है। अधिकांश सपने हमारे दिमाग की ही उपज होते हैं। जागते समय जो हम देखते है, करते हैं, सुनते हैं वह कहीं ना कहीं हमारे दिमाग में कैद हो जाता है। रात में सोने के बाद दिमाग में सारी बातें सपनों को जन्म देती हैं। बुरे सपने की समस्या से कोई इस तरह पीछा छुड़ा सकता है-:
- जागते समय अधिक ना सोचे। ज्यादा कल्पानाएं ना करें।
- दिनभर बुरे खयालों से खुद को बचाएं।
- ऐसी फिल्में ना देखें जो डरावनी हो।
- ऐसा साहित्य ना पढ़ें जिसमें भूत-प्रेत आदि के किस्से-कहानी हों।
- दोस्तों से गप्पे मारते समय भूत-प्रेत या अन्य बुराई वाली या डरावनी बातें ना करें।
- हमेशा पॉजीटिव सोच रखें। कभी नेगेटिव विचार मन में न लाएं।
- क्रोध पर विराम लगाएं, कोशिश करें कि क्रोधित कम से कम हो।
- सुबह उठने के बाद ध्यान और योगा आदि अवश्य करें।
- सोने से पूर्व भगवान का स्मरण अवश्य करें। हो सके तो अपने इष्टदेव की प्रार्थना करके ही सोएं।
- धर्म शास्त्र पढऩे में रूचि जगाएं।
- एकदम अंधेरे कमरे में ना सोएं। कमरे में हो सके तो पीली रोशनी का प्रबंध अवश्य करें।
- यदि सपने सांप दिखाई देते हैं तो संभव है आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो। अत: इस संबंध में किसी ज्योतिषी से संपर्क करें।
- अपने तकिए के नीचे चाकू रख कर सोएं।
- मंगलवार को हनुमानजी की विशेष पूजा आराधना करें।
- दिन में सोने से बचें।
-यदि सपने सांप दिखाई देते हैं तो संभव है आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो। इस संबंध में किसी ज्योतिषी से संपर्क करें।
आयुर्वेद में इसकी विस्तार से चर्चा
दु:स्वप्न या मृत प्राणियों को सपने में देखना कोई नई बात नहीं है। आयुर्वेद में इसकी विस्तार से चर्चा है। वात असंतुलन को इसका कारण माना गया है और वात को संतुलित करने वाली जीवन शैली को अपनाना इसका इलाज माना गया है। प्राणायाम, सम्मोहन, काउंसलिंग, ध्यान, योग, जलनेति और नियमित रूप से कसरत वगैरह से दु:स्वप्न के शिकार लोगों को काफी मदद मिलती है। हनुमान चालीसा में 1 दोहा है: भूत पिशाच निकट नहीं आवे...। मिथकीय संदर्भ में देखें तो हनुमान को ऐसे रूप में दर्शाया गया है जिसे प्राणायाम और उससे जुड़ी दूसरी सिद्धियों पर अधिकार प्राप्त है। दोहे का मूल अर्थ यह है कि प्राणायाम आदि से खुद को जोड़ कर इन व्याधियों से मुक्ति पाई जा सकती है। फिर भी तंत्र विज्ञान में कुछ उपाय हैं, जिनसे लाभ मिलने का दावा किया जाता रहा है-
- घर में भूत प्रेत की बाधा हो, अथवा बच्चों पे भूत प्रेत की हवा लग जाती है तो उस भूत को और बाधा को मिटाने के लिए होली का उत्सव के दूसरे दिन (धुलेंडी) को होली की राख घर में रख दें। जिस बच्चे को ऊपर की हवा का डर हो उस की नाभि में और ललाट पर तिलक करो, तो भूत प्रेत का प्रभाव भी गायब हो जायेगा।
होम्योपैथी में उपचार-
१) सपने में गन्दा पानी देखे ......आर्निका
२) कुत्ते बिल्ली दिखे सपने में ......ओपियम और आर्निका
३) आग और पानी के सपने देखे ......नेट्रम म्यूर
४) भूत -प्रेत , लाशें देखे .......थूजा, औरम मेट
५) भूकंप के सपने देखे ...... लेक फेल (lac fell)
६) परिया (angels ) देखे ......स्ट्रामोनियम
७) पानी पीने के सपने देखे .....ड्रोसेरा
८) खुद की मौत देखे ....चिनिअम आर्स
९) सपने में ऐसा लगे जैसे कोई गला घोंट रहा हो ....सेबेडिला और स्पयिजेलिया
10) सफ़र करने के सपने देखे .....एपिस मेलिफिका
११) सोते से जाग जाए और फिर से वही सपना देखने लगे जो पहले से देख रहा था .....सोरिनम
१२) गाय कुत्ते देखे ....बेलाडोना
१३) सारी रात सपने देखे ....पयरोजिनम
१४) सपने में लड़ाई देखे ....आर्सेनिकम एल्बम
१५) ऊचाई से गिरने के सपने .....एडोनिस वर

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