Click here for Myspace Layouts

Thursday, March 31, 2011

सपनों की समस्या के हल

नींद में अधिकांश लोगों को सपने आते हैं। सपने भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं। सपनों की दुनिया पूरी तरह अवास्तविक होती है, पर हां सपने हमारे भविष्य के संबंध में कुछ संकेत अवश्य करते हैं। सपने का ज्योतिष शास्त्र काफी गहरे अर्थ बताए गए हैं। अच्छे सपने आते हैं तब तो ठीक हैं परंतु कई लोगों को डरवाने और बुरे सपने आते हैं जिससे वे कई बार चौंककर उठ जाते हैं। कोई सपने में देखता है कि किसी से उसकी जान को खतरा है, कोई भूत-प्रेत आदि देखता है। अधिकांश सपने हमारे दिमाग की ही उपज होते हैं। जागते समय जो हम देखते है, करते हैं, सुनते हैं वह कहीं ना कहीं हमारे दिमाग में कैद हो जाता है। रात में सोने के बाद दिमाग में सारी बातें सपनों को जन्म देती हैं। बुरे सपने की समस्या से कोई इस तरह पीछा छुड़ा सकता है-:
- जागते समय अधिक ना सोचे। ज्यादा कल्पानाएं ना करें।
- दिनभर बुरे खयालों से खुद को बचाएं।
- ऐसी फिल्में ना देखें जो डरावनी हो।
- ऐसा साहित्य ना पढ़ें जिसमें भूत-प्रेत आदि के किस्से-कहानी हों।
- दोस्तों से गप्पे मारते समय भूत-प्रेत या अन्य बुराई वाली या डरावनी बातें ना करें।
- हमेशा पॉजीटिव सोच रखें। कभी नेगेटिव विचार मन में न लाएं।
- क्रोध पर विराम लगाएं, कोशिश करें कि क्रोधित कम से कम हो।
- सुबह उठने के बाद ध्यान और योगा आदि अवश्य करें।
- सोने से पूर्व भगवान का स्मरण अवश्य करें। हो सके तो अपने इष्टदेव की प्रार्थना करके ही सोएं।
- धर्म शास्त्र पढऩे में रूचि जगाएं।
- एकदम अंधेरे कमरे में ना सोएं। कमरे में हो सके तो पीली रोशनी का प्रबंध अवश्य करें।
- यदि सपने सांप दिखाई देते हैं तो संभव है आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो। अत: इस संबंध में किसी ज्योतिषी से संपर्क करें।
- अपने तकिए के नीचे चाकू रख कर सोएं।
- मंगलवार को हनुमानजी की विशेष पूजा आराधना करें।
- दिन में सोने से बचें।
-यदि सपने सांप दिखाई देते हैं तो संभव है आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो। इस संबंध में किसी ज्योतिषी से संपर्क करें।
आयुर्वेद में इसकी विस्तार से चर्चा
दु:स्वप्न या मृत प्राणियों को सपने में देखना कोई नई बात नहीं है। आयुर्वेद में इसकी विस्तार से चर्चा है। वात असंतुलन को इसका कारण माना गया है और वात को संतुलित करने वाली जीवन शैली को अपनाना इसका इलाज माना गया है। प्राणायाम, सम्मोहन, काउंसलिंग, ध्यान, योग, जलनेति और नियमित रूप से कसरत वगैरह से दु:स्वप्न के शिकार लोगों को काफी मदद मिलती है। हनुमान चालीसा में 1 दोहा है: भूत पिशाच निकट नहीं आवे...। मिथकीय संदर्भ में देखें तो हनुमान को ऐसे रूप में दर्शाया गया है जिसे प्राणायाम और उससे जुड़ी दूसरी सिद्धियों पर अधिकार प्राप्त है। दोहे का मूल अर्थ यह है कि प्राणायाम आदि से खुद को जोड़ कर इन व्याधियों से मुक्ति पाई जा सकती है। फिर भी तंत्र विज्ञान में कुछ उपाय हैं, जिनसे लाभ मिलने का दावा किया जाता रहा है-
- घर में भूत प्रेत की बाधा हो, अथवा बच्चों पे भूत प्रेत की हवा लग जाती है तो उस भूत को और बाधा को मिटाने के लिए होली का उत्सव के दूसरे दिन (धुलेंडी) को होली की राख घर में रख दें। जिस बच्चे को ऊपर की हवा का डर हो उस की नाभि में और ललाट पर तिलक करो, तो भूत प्रेत का प्रभाव भी गायब हो जायेगा।
होम्योपैथी में उपचार-
१) सपने में गन्दा पानी देखे ......आर्निका
२) कुत्ते बिल्ली दिखे सपने में ......ओपियम और आर्निका
३) आग और पानी के सपने देखे ......नेट्रम म्यूर
४) भूत -प्रेत , लाशें देखे .......थूजा, औरम मेट
५) भूकंप के सपने देखे ...... लेक फेल (lac fell)
६) परिया (angels ) देखे ......स्ट्रामोनियम
७) पानी पीने के सपने देखे .....ड्रोसेरा
८) खुद की मौत देखे ....चिनिअम आर्स
९) सपने में ऐसा लगे जैसे कोई गला घोंट रहा हो ....सेबेडिला और स्पयिजेलिया
10) सफ़र करने के सपने देखे .....एपिस मेलिफिका
११) सोते से जाग जाए और फिर से वही सपना देखने लगे जो पहले से देख रहा था .....सोरिनम
१२) गाय कुत्ते देखे ....बेलाडोना
१३) सारी रात सपने देखे ....पयरोजिनम
१४) सपने में लड़ाई देखे ....आर्सेनिकम एल्बम
१५) ऊचाई से गिरने के सपने .....एडोनिस वर

Tuesday, March 29, 2011

घर-कारोबार में वास्तु संबंधी टोने-टोटके

* भवन के उत्तर में द्वार व खिड़कियाँ रखने से धनागमन होता है।
* भूखण्ड के उत्तर पूर्व में अण्डरग्राउण्ड पानी का टैंक रखने से स्थिर व्यवसाय एवं लक्ष्मी का वास होता है।
* उत्तर पूर्व के अण्डरग्राउण्ड टैंक से रोजाना पानी निकाल कर पेड़ पौधे सीचने से धन वृद्धि होती है।
* भवन के उत्तर पूर्व का फर्श सबसे नीचा होना चाहिए तथा दक्षिण पश्चिम का फर्श सबसे ऊंचा रखने से आय अधिक, व्यय कम रहता है।
* भूखण्ड के उत्तर में चमेली के तेल का दीपक जलाने से धन लाभ होता है।
* भवन के मुख्यद्वार को सबसे बड़ा रखना चाहिए यह सबसे सुंदर भी होना चाहिए। मुख्यद्वार के ऊपर गणेश जी बैठाने से घर में सभी प्रकार की सुख सुविधा रहती है।
* घर में यदि पांजिटिव ऊर्जा नहीं हो तो रोजाना नमक युक्त पानी का पौंछा लगाना चाहिए। भूखण्ड के उत्तर पूर्व में साबुत नमक की डली रखने से भी घर में पांजिटिव ऊर्जा का संचालन होता है। इसे 4-5 दिन में बदलते रहना चाहिए।
* घर के तीनों भाग व्याव्य, ईशान और उत्तर खुला रखने से तथा भूखण्ड की ढलान उत्तर पूर्व एवं पूर्व की ओर रखने से लक्ष्मी अपने आप बढती है। धन की कमी नहीं रहती है।
* भूखण्ड या भवन के उत्तर पूर्व में शीशे की बोतल में जल भरकर रखने से तथा इस जल का सेवन एक दिन पश्चात करने से घर वालों का स्वस्थ सही रहता है।
* सुबह एवं शाम सम्पूर्ण घर में कपूर का धुंआ लगाने से वास्तु दोषों में कमी आती है।
* भवन में दक्षिण-पश्चिम की दीवार मजबूत रखने से आर्थिक पश्चिम स्थिति मजबूत रहती है।
* भवन का दक्षिण पश्चिम भाग ऊंचा रखने से यश एवं प्रसिधी मिलती है।
* भवन का मध्य भाग खुला रखने से परिवार में सभी सदस्य मेल जोल से रहते हैं।
* आरोग्यता और धन लाभ के लिये चारदीवारी की दक्षिणी एवं पश्चिमी दीवार उत्तर एवं पूर्व से ऊंची एवं मजबूत रखें।
* अपने ड्राइंग रूम के उत्तरी पूर्व में फिश एक्वेरियम रखें। ऐसा करने से धन लाभ होता है।
* घर के मुख्यद्वार के दोनों ओर पत्थर या धातु का एक-एक हाथी रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
* भवन में आपके नाम की प्लेट (नेम प्लेट) को बड़ी एवं चमकती हुई रखने से यश की वृद्धि होती है।
* स्वर्गीय परिजनों के चित्र दक्षिणी दीवार पर लगाने से उनका आशीर्वाद मिलता रहता है।
* विवाह योग्य कन्या को उत्तर-पश्चिम के कमरे में सुलाने से विवाह शीघ्र होता है।
*किसी भी दुकान या कार्यालय के सामने वाले द्वार पर एक काले कपडे में फिटकरी बांधकर लटकाने से बरकत होती है। धंधा अच्छा चलता है।
* दुकान के मुख्य द्वार के बीचों बीच नीबूं व हरी मिर्च लटकाने से नजर नहीं लगती है।
* घर में स्वस्तिक का निशाँ बनाने से निगेटिव ऊर्जा का क्षय होता है।
* किसी भी भवन में प्रातः एवं सायंकाल को शंख बजाने से ऋणायनों में कमी होती है।
* घर के उत्तर पूर्व में गंगा जल रखने से घर में सुख सम्पन्नता आती है।
* पीपल की पूजा करने से श्री तथा यश की वृद्धि होती है। इसका स्पर्श मात्रा से शरीर में रोग प्रतिरोधक तत्वों की वृद्धि होती है।
* घर में नित्य गोमूत्र का छिडकाव करने से सभी प्रकार के वास्तु दोषों से छुटकारा मिल जाता है।
* मुख्य द्वार में आम, पीपल, अशोक के पत्तों का बंदनवार लगाने से वंशवृद्धि होती है।

व्यवसाय में समस्याओं और श्रीवृद्धि के उपाय

* कारोबारी सफलता के लिए प्रत्येक अमावस्या के दिन अपने पूरे घर की सुंदर सफाई करें। तत्पश्चात परिवार के सभी सदस्य नहा धोकर शुद्ध वस्त्र धारण करके एक जगह एकत्रित होकर अपने बीच में चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछा दें। वस्त्र के ऊपर 11 मुट्ठी मसूर की दाने रखकर उसके ऊपर एक चौमुखा दीपक प्रज्ज्वलित कर रख दें। तत्पश्चात घर के सभी सदस्य सुंदर काण्ड का पाठ करें। संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा।
* नया कारोबार, नई दुकान या कोई भी नया कार्य करने से पूर्व मिट्टी के पांच पात्र लें जिसमें सवाकिलो सामान आ जाएं। प्रत्येक पात्र में सवा किलो सफेद तिल, सवा किलो पीली सरसों, सवा किलो उड़द, सवा किलो जौ, सवा किलो साबुत मूंग भर दें। मिट्टी के ढक्कन से ढंक कर सभी पात्र को लाल कपड़े से मुंह बांध दें और अपने व्यवसायकि स्थल पर इन पांचों कलश को रख दें। वर्ष भर यह कलश अपनी दुकान में रखें ग्राहकों का आगमन बड़ी सरलता से बढ़ेगा और कारोबारी समस्या का निवारण भी होगा। एक वर्ष के बाद इन संपूर्ण पात्रों को अपने ऊपर से 11 बार उसार कर बहते पानी में प्रवाह कर दें। और नये पात्र भरकर रख दें।
* यदि आपको अपने कार्य में अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार कार्य में रूकावट आ रही हो तो आप अपने घर में शनिवार के दिन तुलसी का पौधा लगाएं और हर रोज सुबह-शाम घी का दीपक जलाने से कार्य में बार-बार आने वाली समस्या का निवारण बड़ी सरलता से हो जाएगा।
* अगर कारोबार में अनावश्यक परेशानी आ रही हो, लाभ मार्ग अवरोध हो रहा हो तो हर रोज शाम को गोधूलि वेला में यानि साढ़े पांच से छ: बजे के बीच में अपने पूजा स्थान में श्री महालक्ष्मी की तस्वीर स्थापित करके या तुलसी के पौधे के सामने में गो घृत का दीपक जलाएं। दीपक प्रज्ज्वलित करने के बाद उसक अंदर अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए एक इलायची डाल दें। ऐसा नियमित 186 दिन करने से व्यापार में लाभ होगा। दीपक और इलायची हमेशा नया प्रयोग में लाएं।
* कारोबार में समस्या आ रही हो, व्यवसाय चल नहीं रहा हो और कर्ज से परेशान हो रहे हो तो इस प्रयोग को करके देखें। यह प्रयोग किसी भी महीने शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार के दिन शुरू करें और नियमित 186 दिन करें। हर रोज स्नानोपरांत पीपल, बरगद या तुलसी के पेड़ के नीचे चौमुखा देसी घी का दीपक जलाएं। और शुद्ध कंबल का आसन बिछाकर एक पाठ विष्णु सहस्रनाम का करें तथा 11 माला ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र की जाप करें। मां लक्ष्मी की कृपा होगी और कारोबारी समस्या का निवारण हो जाएगा।
* यदि आपके व्यवसाय में बाधाएं चल रही हों तो आपको अपने कार्यस्थल पर पीले रंग की वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए तथा पूजाघर में हल्दी की माला लटकानी चाहिए। भगवान लक्ष्मी-नारायण के मंदिर में लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
* व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो किसी भी शनिवार के दिन नीले कपड़े 21 दानें रक्त गुंजा के बांधकर तिजोरी में रख दें। हर रोज धूप, दीप अवश्य दिखाएं। अपने इष्टदेव का ध्यान करें। ऐसा नियमित करने से व्यापार में लाभ मिलेगा और सफलता भी प्राप्त होगी।
* कारोबारी, पारिवारिक, कानूनी परेशानियों से छुटकारा दिलाने वाला अमोध प्रयोग
आप अपना काम कर रहे हो कठिन परिश्रम के बावजूद भी लोग आपका हक मार देते हैं। अनावश्यक कार्य अवरोध उत्पन्न करते हों। आपकी गलती न होने के बावजूद भी आपको हानि पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा हो तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत ही लाभदायक सिध्द होगा। रात्रि में 10 बजे से 12 बजे के बीज में यह उपाय करना बहुत ही शुभ रहेगा। एक चौकी के ऊपर लाल कपड़ा बिछा कर उसके ऊपर 11 जटा वाले नारियल। प्रत्येक नारियल के ऊपर लाल कपड़ा लपेट कर कलावा बांध दें। इन सभी नारियल को चौकी के ऊपर रख दें। घी का दीपक जला करके धूप-दीप नेवैद्य पुष्प और अक्षत अर्पित कर। नारियल के ऊपर कुमकुम से स्वस्तिक बनाए और उन प्रत्येक स्वस्तिक के ऊपर पांच-पांच लौंग रखें और एक सुपारी रखें। माँ भगवती का ध्यान करें। माँ को प्रार्थना करें कष्टों की मुक्ति के लिए। कम्बल का आसन बिछा कर ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:11 माला करें, तत्पश्चात नारियल सहित समस्त सामग्री को सफेद कपड़े में बांध कर अपने ऊपर से 11 बार वार कर सोने वाले पलंग के नीचे रख दें। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बिना किसी से बात किए यह सामग्री कुएं, तालाब या किसी बहते हुए पानी में प्रवाह कर दें। कानूनी कैसी भी समस्या होगी उससे छुटकारा मिल जाएगा।
* ऋण मुक्ति और धन वापसी के लिये किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के मंगलवार के दिन प्रदोष काल में यह पूजा प्रारंभ करें। किसी भी प्राण प्रतिष्ठित शिव मंदिर में जाकर श्रद्धापूर्वक शिव की उपासना करें। शिव पूजन के उपरांत अपने सामने दो दोने रख दें। एक दोने में यानी बायें हाथ वाले दोनें में 108 बिल्वपत्र पीले चंदन से प्रत्येक बिल्व पत्र में ॐ नम:शिवाय लिखकर रख दें। तत्पश्चात शुद्ध आसन बिछाकर एक बिल्वपत्र अपने दाहिनी हाथ में लें और इस ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नम:। मंत्र का जाप करें। और दाहिने हाथ वाले दोने में बिल्व पत्र को रख दें। ऐसा 108 बार करें। जाप पूरा होने के उपरांत एक पाठ ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का करें। साथ ही सर्वारिष्ट शान्त्यर्थ शनि स्तोत्र का पांच पाठ भी करें। ऐसा नियमित 40 दिन तक पूजा करने से ऋण से छुटकारा मिल जाएगा।
* आप अपने कारोबार में कर्जे से डूबे जा रहे है रात-दिन मेहनत करने के उपरांत भी कर्जा उतरने का नाम ही नहीं ले रहा है तो यह प्रयोग आपके लिये बहुत ही अनुकूल व फायदेमंद रहेगा। किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथमा के दिन नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नानोपंरात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अपने पूजा स्थान में यह पूजा प्रारंभ करें। 6 इंच लम्बी गूलर की पेड़ की जड़ ले उसके ऊपर 108 बार काले रंग का धागा ॐ गं गणपतये नम:मंत्र का जाप करते हुये लपेटे। भगवान गणेश जी से ऋण मुक्ति की प्रार्थना करें। 108 चक्र होने के बाद इस लकड़ी को स्वच्छ थाली में पीला वस्त्र बिछाकर रख दें। तत्पश्चात श्रद्धानुसार धूप,दीप, नैवद्य, पुष्प अर्पित करें। घी का दीपक प्रज्जवलित कर उसमें एक इलायची डाल दें। शुद्ध आसन बिछाकर अपने सामने हल्दी से रंगे हुये अक्षत रख लें। अपने हाथ में थोड़े से अक्षत लें ॐ गं गणपतये ऋण हरताये नम:मंत्र का जाप करके अक्षत गूलर की लकड़ी के ऊपर छोड़ दे। ऐसा 108 बार करें। अगले दिन यह प्रक्रिया पुन:दोहरायें। ऐसा नवमी तक पूजन करें। नवमी के दिन रात में सवा ग्यारह बजे पुन:एक बार पूजन करें। ऋण हरता गणपति की 11 माला जाप करें। तत्पश्चात इस लकड़ी को अपने ऊपर से 11 बार उसार कर के अपने घर के किसी कोने में गड्डा खेंद कर दबा दे। उसके ऊपर कोई भारी वस्तु रख दें। ऐसा करने से कर्ज से छुटकारा मिल जायेगा।
* किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार के दिन गेहूं के सवा किलो आटा में सवा किलो गुड़ मिलाकर उसके गुलगुले या पूएं बनाएं। शाम के समय हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर अभिषेक करने के उपरांत घी का दीपक जलाएं और वहीं बैठकर हनुमान चालीसा के 7 पाठ करें। तत्पश्चात हनुमान जी को इन गुलगुले और पूएं का भोग लगाएं और गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को बांट दें। ऐसा 11 मंगलवार करें, ऋण से छुटकारा मिलेगा।
* ऋण मुक्ति के लिए उपाय सर्वप्रथम पांच गुलाब के फूल लाएं। ध्यान रहे कि उनकी पंखुड़ी टूटी हुई न हो। तत्पश्चात सवा मीटर सफेद कपड़ा, सामने रचो कर बिछाएं और गुलाब के वार फूलों को चारों कोनों पर बांध दें। फिर पांचवा गुलाब मध्य में डालकर गांठ लगा दें। इसे गंगा, यमुन और सरस्वती नदियों में प्रभावित करें। प्रभुकृपा से ऋण मुक्ति और घर में सुख समृध्दि की प्राप्ति होती है।
* व्यवसायिक परेशानी हल के लिये दीवाली के दिन नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत अपने पूजा स्थान में लक्ष्मी बीसा यंत्र एवं कुबेर यंत्र की श्रद्धापर्वूक स्थापना करने के उपरांत धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प और अक्षत से पंचोपचार पूजन करें। तत्पश्चात शुद्ध आसन बिछाकर स्फटिक की माला पर 11 माला इस ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्यादि पताये धन धान्य समृद्धि में देही दापय दापय स्वाहा मंत्र की जाप करें। संपूर्ण व्यावसायिक परेशानियों का निवारण होगा। हर रोज इस मंत्र की सुबह-शाम एक माला जाप करने से अवश्य धन में वृद्धि होगी।
* व्यापार में घाटा हो रहा हो या काम नहीं चल पा रहा हो, तो आप एक चुटकी आटा लेकर रविवार के दिन व्यापार स्थल या अपनी दुकान के मुख्य द्वार के दोनों ओर थोड़ा-थोड़ा छिड़क दें, साथ में कहें- जिसकी नजर लगी है उसको लग जाये। बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला। यह क्रिया शुक्ल पक्ष में ही करें। संभव हो तो प्रयत्न करें कि इस क्रिया को करते हुए आपको कोई न देखे। गुप्त रूप से यह क्रिया करने पर व्यापार का घाटा दूर होने लगता है। इसके अलावा व्यापार स्थल में मकडिय़ों के जाले व्यापार की वृद्घि को रोकते हैं। अत: व्यापार में बरकत के लिए प्रत्येक शनिवार को दुकान की सफाई आदि करते समय मकड़ी के जालों को अवश्य हटा देना चाहिए।
* जिन उद्योगपतियों या व्यापारियों को काफी प्रयास और अथक परिश्रम करने के बावजूद बिक्री में वृध्दि नहीं हो पा रहा हो तो यह उपाय शुक्ल पक्ष में गुरुवार से प्रारम्भ करें और प्रत्येक गुरुवार को इस क्रिया को दोहराते रहें। घर के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल से शुध्द कर लें या धो लें। शुध्द किए गए स्थान पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं और उस पर थोड़ा दाल और गुड़ रख दें। साथ ही एक घी का दीपक जला दें। ध्यान रहे कि स्वस्तिक का चिह्न हल्दी से ही बनाएं। स्वास्तिक बनाने के बाद उसको बार-बार नहीं देखना चाहिए। यह उपाय बहुत ही सरल है और इसका प्रभाव शीघ्र ही परिलक्षित होने लगता है।
* कारोबार में वृद्धि हेतु ही हर रोज प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नानोपरांत तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ी सी रोली डालकर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:॥ मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। शाम को गाय के शुद्ध देसी घी का दीपक जलांए और इसी मंत्र की पांच माला जाप करें।
* कठिन परिश्रम व मेहनत करने के उपरांत लाभ की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो प्रत्येक गुरुवार के दिन शुभ घड़ी में पीले कपड़े में 9 जोड़े चने की दाल, 9 पीले गोपी चंदन की डलियां, 9 गोमती चक्र इन सबको पोटली बनाकर किसी भी मंदिर में केले के पेड़ के ऊपर शाम के समय टांग दें। साथ ही एक घी का दीपक भी प्रज्ज्वलित कर लें। ऐसा 11 गुरुवार करने से धन की प्राप्ति होगी और व्यवसायिक समस्याओं का निवारण भी होगा।
* धन न रूक रहा हो तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार के दिन 1 तांबे का सिक्का, 6 लाल गुंजा लाल कपड़े में बांधकर प्रात: 11 बजे से लेकर 1 बजे के बीच में किसी सुनसान जगह में अपने ऊपर से 11 बार उसार कर 11 इंच गहरा गङ्ढा खोदकर उसमें दबा दें। ऐसा 11 बुधवार करें। दबाने वाली जगह हमेशा नई होनी चाहिए। इस प्रयोग से कारोबार में बरकत होगी, घर में धन रूकेगा।
* धन वृद्धि हेतु किसी भी गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत शंख पुष्पी की जड़ अपने घर में लेकर आएं इस जड़ को गंगाजल से पवित्र कर दें। पवित्र करने के उपरांत चांदी की डिब्बी में पीले चावल भरकर उसके ऊपर रख दें। श्रद्धानुसार धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प, अक्षत अर्पित कर पंचोपचार पूजन करें। उसके बाद इस डिब्बी को अपनी तिजोरी में रख दें। धन में वृद्धि और कारोबारमें लाभ होगा। हर गुरु पुष्य के दिन शंख पुष्पी की जड़ व चांदी की डिब्बी बदल दें। पहले वाली बहते पानी में प्रवाह कर दें।

तंत्र विज्ञान में हर समस्या का समाधान

व्यक्ति आम हो या खास, समस्या सबके पीछे रहती हैं। हम लोग छोटे-छोटे उपाय जानते हैं पर उनकी विधिवत जानकारी के अभाव में उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। कोई इंसान अपनी किसी इच्छा की पूर्ति के लिए कोशिशें कर के हार जाता है तो फिर वह मंदिरों में जाकर मन्नतें मांगता है। इस तरह वह पैसों व समय दोनों का नुकसान उठाता है। फिर भी वह निश्चयपूर्वक नहीं कह सकता कि उसकी मनोकामना पूरी हो ही जाएगी। लेकिन तंत्र विज्ञान मे कुछ ऐसे टोटके हैं जिन्हे अपनाकर आप निश्चित ही अपनी सारी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं। इनकी जानकारी निम्न है-
* आँखों में यदि काला मोतिया हो जाए तो ताम्बे के पात्र में जल लेकर उसमें ताम्बे का सिक्का व गुड डालकर प्रतिदिन सूर्य को अर्ध्य दें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से शुरू कर चौदह रविवार करें। अर्ध्य देते समय रोग से मुक्ति की प्रार्थना करते रहें। इसके अतिरिक्त पांच प्रकार के फल लाल कपडे में बांधकर किसी भी मन्दिर में दें। यह उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ होगा।
* नौकरी न मिल रही हो तो मन्दिर में बारह फल चढ़ाएं। यह उपाय नियमित रूप से करें और इश्वर से नौकरी मिलने की प्रार्थना करें।
* विवाह योग्य वर या कन्या के शीघ्र विवाह के लिए घर के मन्दिर में नवग्रह यन्त्र स्थापित करें। जिनकी नई शादी हो, उन्हें घर बुलाएं, उनका सत्कार करें और लाल वस्त्र भेंट करें उन्हें भोजन या जलपान कराने के पश्चात सौंफ मिस्री जरूर दें। यह सब करते समय शीघ्र विवाह की कामना करें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के मंगलवार को करें, लाभ होगा।
* व्यापार मंदा हो तथा पैसा टिकता न हो, तो नवग्रह यन्त्र और धन यन्त्र घर के मन्दिर में शुभ समय में स्थापित करें। इसके अतिरिक्त सोलह सोमवार तक पांच प्रकार की सब्जियां मन्दिर में दें और पंचमेवा की खीर भोलेनाथ को मन्दिर में अर्पित करें। सभी कामनाएं पूरी होंगी।
*बच्चे पढ़ते न हों तो उनकी स्टडी टेबल पर शुभ समय में सरस्वती यन्त्र व कुबेर यन्त्र स्थापित करें। उनके पढने के लिये बैठने से पहले यंत्रों के आगे शुभ घी का दीपक तथा गुलाब की अगरबत्ती जलाएं। पढ़ते समय उनका मुंह पूर्व की ओर होना चाहिय। यह उपाय करने के बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगेगा और पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद उन्हें मनोवांछित काम भी मिल जायेगा।
*समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति के लिये कबूतरों को चावल मिश्रित डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें।
*शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार या बुधवार को चमकीले पीले वस्त्र में शुद्ध कस्तूरी लपेटकर अपने धन रखने के स्थान पर रखें, घर में सुख-समृद्धी आयेगी।
* यदि मार्ग में कोई सफाई कर्मचारी सफाई करता दिखाई दे तो उसे यह कहकर की चाय-पानी पी लेना या कुछ खा लेना, कुछ दान अवश्य दें, परिवार में प्यार व सुख-समृद्धी बढ़ेगी। यदि सफाई कर्मचारी महिला हो तो शुभ फल अधिक मिलेगा।
*किसी भी विशेष मनोरथ की पूर्ति के लिये शुक्ल पक्ष में जटावाला नारियल नए लाल सूती कपडे में बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें। यह उपाय निष्ठापूर्वक करें।
* शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से नित्य प्रातः में अर्पित करें। फूल हनुमानजी को मन्दिर में अर्पित करें। फूल अर्पित करते समय हनुमान जी से मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते रहें। ध्यान रहे यह उपाय करते समय कोई आपको टोके नहीं और टोके तो आप उसका उत्तर न दें।
* जन्म पत्रिका में 12वें भाव में मंगल हो और खर्च बहुत होता हो, तो बेलपत्र पर चन्दन से 'भौमाय नमः' लिखकर सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाएं, उक्त सारे कष्ट दूर हो जायेंगे।
* बड़ के पत्ते पर अपनी मनोकामना लिखकर जल में प्रवाहित करने से मनोरथ की पूर्ति होती है।
* नए सूती लाल कपड़े में जटावाला नारियल बांधकर बहते जल में प्रवाहित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
* बहुधा देखा गया है कि प्राणी कहीं देर तक बैठा हो तो हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं। जो अंग सुन्न हो गया हो, उस पर उंगली से 27 का अंक लिख दीजिये, अंग ठीक हो जाएगा।
* काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक मोटी रोटी बनाएं और उसे अच्छी तरह सेंकें। गुड को तेल में मिश्रित करके जिस व्यक्ति की मरने की आशंका हो, उसके सिर पर से 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार को भैंस को खिला दें।
* गुड के गुलगुले सवाएं लेकर 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार व इतवार को चील-कौए को डाल दें, रोगी को तुरंत राहत मिलेगी।
* महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। द्रोव, शहद और तिल मिश्रित कर शिवजी को अर्पित करें। 'ॐ नमः शिवाय' षडाक्षर मंत्र का जप भी करें, लाभ होगा।
* श्रावण के महीने में 108 बिल्व पत्रों पर चन्दन से नमः शिवाय लिखकर इसी मंत्र का जप करते हुए शिवजी को अर्पित करें। 31 दिन तक यह प्रयोग करें, घर में सुख-शांति एवं सम्रद्धि आएगी, रोग, बाधा, मुकदमा आदि में लाभ एवं व्यापार में प्रगति होगी व नया रोजगार मिलेगा। यह एक अचूक प्रयोग है।
* भगवान् को भोग लगाई हुई थाली अंतिम आदमी के भोजन करने तक ठाकुरजी के सामने रखी रहे तो रसोई बीच में ख़त्म नहीं होती है।
* बालक को जन्म के नाम से मत पुकारें।
* पांच वर्ष तक बालक को कपडे मांगकर ही पहनाएं।
* 3 या 5 वर्ष तक सिर के बाल न कटाएं।
* उसके जन्मदिन पर बालकों को दूध पिलाएं।
* बच्चे को किसी की गोद में दे दें और यह कहकर प्रचार करें कि यह अमुक व्यक्ति का लड़का है।
* घर में सुख-शांति के लिये मंगलवार को चना और गुड बंदरों को खिलाएं। आठ वर्ष तक के बच्चों को मीठी गोलियां बाँटें। शनिवार को गरीब व भिखारियों को चना और गुड दें अथवा भोजन कराएं। मंगलवार व शनिवार को घर में सुन्दरकाण्ड का पाठ करें या कराएं।
* सूर्य के देवता विष्णु, चन्द्र के देवता शिव, बुध की देवी दुर्गा, ब्रहस्पति के देवता ब्रह्मा, शुक्र की देवी लक्ष्मी, शनि के देवता शिव, राहु के देवता सर्प और केतु के देवता गणेश। जब भी इन ग्रहों का प्रकोप हो तो इन देवताओं की उपासना करनी चाहिए।
* स्वस्थ शरीर के लिए एक रुपये का सिक्का लें। रात को उसे सिरहाने रख कर सो जाएं। प्रातः इसे ष्मशान की सीमा में फेंक आएं। शरीर स्वस्थ रहेगा।
* ससुराल में सुखी रहने के लिए साबुत हल्दी की गांठें, पीतल का एक टुकड़ा, थोड़ा सा गुड़ अगर कन्या अपने हाथ से ससुराल की तरफ फेंक दे, तो वह ससुराल में सुरक्षापूर्वक और सुखी रहती है। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कन्या का जब विवाह हो चुका हो और वह विदा हो रही हो, तो एक लोटे (गड़वी) में गंगा जल, थोड़ी सी हल्दी, एक पीला सिक्का डाल कर, लड़की के सिर के उपर से ७ बार वार कर उसके आगे फेंक दें। वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा। कन्या के घर से विदा होते समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
* परेशानियां दूर करने व कार्य सिद्धि हेतु शनिवार को प्रातः, अपने काम पर जाने से पहले, एक नींबू लें। उसके दो टुकड़े करें। एक टुकड़े को आगे की तरफ फेंके, दूसरे को पीछे की तरफ। इन्हें चौराहे पर फेंकना है। मुख भी दक्षिण की ओर हो। नींबू को फेंक कर घर वापिस आ जाएं, या काम पर चले जाएं। दिन भर काम बनते रहेंगे तथा परेषानियां भी दूर होंगी।
* काम या यात्रा पर जाते हुए, एक नारियल लें। उसको हाथ में ले कर, ११ बार श्री हनुमते नमः कह कर, धरती पर मार कर तोड़ दें। उसके जल को अपने ऊपर छिड़क लें और गरी को निकाल कर बांट दें तथा खुद भी खाएं, तो यात्रा सफल रहेगी तथा काम भी बन जाएगा।
* अगर आपको किसी विशेष काम से जाना है, तो नीले रंग का धागा ले कर घर से निकलें। घर से जो तीसरा खंभा पड़े, उस पर, अपना काम कह कर, नीले रंग का धागा बांध दें। काम होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। हल्दी की ७ साबुत गांठें, ७ गुड़ की डलियां, एक रुपये का सिक्का किसी पीले कपड़े में बांध कर, रेलवे लाइन के पार फेंक दें। फेंकते समय कहें काम दे, तो काम होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
* धन के लिए एक हंडियां में सवा किलो हरी साबुत मूंग दाल या मूंगी, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक भर दें। यह दो हंडियां घर में कहीं रख दें। यह क्रिया बुधवार को करें। घर में धन आना शुरू हो जाएगा।
* मिर्गी के रोग को दूर करने के लिए अगर गधे के दाहिने पैर का नाखून अंगूठी में धारण करें, तो मिर्गी की बीमारी दूर हो जाती है।
* भूत-प्रेत और जादू-टोना से बचने के लिए मोर पंख को अगर ताबीज में भर के बच्चे के गले में डाल दें, तो उसे भूत-प्रेत और जादू-टोने की पीड़ा नहीं रहती।
* परीक्षा में सफलता हेतु गणेश रुद्राक्ष धारण करें। बुधवार को गणेश जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें और मूंग के लड्डुओं का भोग लगाकर सफलता की प्रार्थना करें।
* पदोन्नति हेतु शुक्ल पक्ष के सोमवार को सिद्ध योग में तीन गोमती चक्र चांदी के तार में एक साथ बांधें और उन्हें हर समय अपने साथ रखें, पदोन्नति के साथ-साथ व्यवसाय में भी लाभ होगा।
* मुकदमे में विजय हेतु पांच गोमती चक्र जेब में रखकर कोर्ट में जाया करें, मुकदमे में निर्णय आपके पक्ष में होगा।
* पढ़ाई में एकाग्रता हेतु शुक्ल पक्ष के पहले रविवार को इमली के २२ पत्ते ले आएं और उनमें से ११ पत्ते सूर्य देव को ¬ सूर्याय नमः कहते हुए अर्पित करें। शेष ११ पत्तों को अपनी किताबों में रख लें, पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी।
* कार्य में सफलता के लिए अमावस्या के दिन पीले कपड़े का त्रिकोना झंडा बना कर विष्णु भगवान के मंदिर के ऊपर लगवा दें, कार्य सिद्ध होगा।
* कारोबार में हानि हो रही हो अथवा ग्राहकों का आना कम हो गया हो, तो समझें कि किसी ने आपके कारोबार को बांध दिया है। इस बाधा से मुक्ति के लिए दुकान या कारखाने के पूजन स्थल में शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को अमृत सिद्ध या सिद्ध योग में श्री धनदा यंत्र स्थापित करें। फिर नियमित रूप से केवल धूप देकर उनके दर्शन करें, कारोबार में लाभ होने लगेगा।
* गृह कलह से मुक्ति हेतु परिवार में पैसे की वजह से कलह रहता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख में पांच कौड़ियां रखकर उसे चावल से भरी चांदी की कटोरी पर घर में स्थापित करें। यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को या दीपावली के अवसर पर करें, लाभ अवश्य होगा।
* क्रोध पर नियंत्रण हेतु यदि घर के किसी व्यक्ति को बात-बात पर गुस्सा आता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख को साफ कर उसमें जल भरकर उसे पिला दें। यदि परिवार में पुरुष सदस्यों के कारण आपस में तनाव रहता हो, तो पूर्णिमा के दिन कदंब वृक्ष की सात अखंड पत्तों वाली डाली लाकर घर में रखें। अगली पूर्णिमा को पुरानी डाली कदंब वृक्ष के पास छोड़ आएं और नई डाली लाकर रखें। यह क्रिया इसी तरह करते रहें, तनाव कम होगा।
* मकान खाली कराने हेतु शनिवार की शाम को भोजपत्र पर लाल चंदन से किरायेदार का नाम लिखकर शहद में डुबो दें। संभव हो, तो यह क्रिया शनिश्चरी अमावस्या को करें। कुछ ही दिनों में किरायेदार घर खाली कर देगा। ध्यान रहे, यह क्रिया करते समय कोई टोके नहीं।
* बिक्री बढ़ाने हेतु ग्यारह गोमती चक्र और तीन लघु नारियलों की यथाविधि पूजा कर उन्हें पीले वस्त्र में बांधकर बुधवार या शुक्रवार को अपने दरवाजे पर लटकाएं तथा हर पूर्णिमा को धूप दीप जलाएं। यह क्रिया निष्ठापूर्वक नियमित रूप से करें, ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी और बिक्री बढ़ेगी।
* शत्रु शमन के लिए साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाएगा।
* ससुराल में सुखी रहने के लिए : कन्या अपने हाथ से हल्दी की 7 साबुत गांठें, पीतल का एक टुकड़ा और थोड़ा-सा गुड़ ससुराल की तरफ फेंके, ससुराल में सुरक्षित और सुखी रहेगी।
* घर में खुशहाली तथा दुकान की उन्नति हेतु घर या व्यापार स्थल के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल से धो लें और वहां स्वास्तिक की स्थापना करें और उस पर रोज चने की दाल और गुड़ रखकर उसकी पूजा करें। साथ ही उसे ध्यान रोज से देखें और जिस दिन वह खराब हो जाए उस दिन उस स्थान पर एकत्र सामग्री को जल में प्रवाहित कर दें। यह क्रिया शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार को आरंभ कर ११ बृहस्पतिवार तक नियमित रूप से करें। फिर गणेश जी को सिंदूर लगाकर उनके सामने लड्डू रखें तथा ÷जय गणेश काटो कलेश' कहकर उनकी प्रार्थना करें, घर में सुख शांति आ जागी।
* सफलता प्राप्ति के लिए प्रातः सोकर उठने के बाद नियमित रूप से अपनी हथेलियों को ध्यानपूर्वक देखें और तीन बार चूमें। ऐसा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है। यह क्रिया शनिवार से शुरू करें।
* धन लाभ के लिए शनिवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और 7 शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी।
* संपत्ति में वृद्धि हेतु किसी भी बृहस्पतिवार को बाजार से जलकुंभी लाएं और उसे पीले कपड़े में बांधकर घर में कहीं लटका दें। लेकिन इसे बार-बार छूएं नहीं। एक सप्ताह के बाद इसे बदल कर नई कुंभी ऐसे ही बांध दें। इस तरह 7 बृहस्पतिवार करें। यह निच्च्ठापूर्वक करें, ईश्वर ने चाहा तो आपकी संपत्ति में वृद्धि होगी।

Friday, March 18, 2011

तंत्र-मंत्र और टोटकों की होली

कम लोग ही जानते होंगे कि दीपावली की तरह होली का महत्व भी तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके के मामलों में कम नहीं। सभी लोग जब होली के हुड़दंग में डूबे होते हैं और चहुंओर मस्ती का आलम होता है, तब गुमनाम और सुनसान जगहों पर तंत्र-मंत्र से टोटकों की होली खेली जा रही होती है। इस होली में लाल, हरे, नीले, पीले रंग नहीं बल्कि देशी पान के पत्ते, काले तिल, सिंदूर, कपूर, नारियल, नीबू, लाल मिर्च आदि होते हैं। तांत्रिकों की दुनिया में दीपावली की तरह होली पर भी टोने-टोटके की परंपरा चल पड़ी है। होलिका दहन से पूर्व के समय को तांत्रिक सिद्ध मानते हैं। पूर्णिमा को प्रात: से रात्रि 12 बजे तक तांत्रिक विभिन्न प्रकार के तंत्र और मंत्रों को सिद्ध करके अपना और जातकों का कल्याण करते हैं। होली के दिन तांत्रिक तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने के लिए पूरे दिन पूजा, पाठ, हवन आदि करते हैं। पीडि़तों की मांग पर टोटके आदि किए जाते हैं। तांत्रिक प्रक्रिया में दीपावली की तरह पशु-पक्षियों अथवा उनके अंगों का उपयोग नहीं किया जाता, बल्कि वनस्पति और अन्य सामग्री से उतारा आदि किए जाते हैं। होली और श्मशान की राख होली पूर्णिमा की रात को अनिष्टकारी कार्यों लिए उपयुक्त माना जाता है। तंत्र-मंत्र की दुनिया से जुड़े लोग कहते हैं कि समाज में आज भी ईष्र्यालु लोगों की कमी नहीं है। व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा वाले कुछ लोग एक-दूसरे के पतन के लिए टोने-टोटके करवाते हैं। इसमें होली और श्मशान की राख का खास तौर पर उपयोग किया जाता है। दिशाएं बताती हैं, इसी क्रम में दशा मान्यता है कि होलिका दहन के समय उसकी उठती हुई लौ से कई संकेत मिलते हैं। पूरब की ओर लौ उठना कल्याणकारी होता है, दक्षिण की ओर पशु पीड़ा, पश्चिम की ओर सामान्य और उत्तर की ओर लौ उठने से बारिश होने की संभावना रहती है।
-------------------------------
आइए होली की रात के कुछ अन्य तंत्र सिद्धियां जानते हैं:-
व्यापार बढ़ाने के लिए
इस बार होली रविवार को है। शनिवार को ऐसे पेड़ के नीचे जाए जिस पर चमगादड़ लटकती हो उस पेड़ की एक डाल को निमंत्रण दे कि कल हम तुम्हें ले जाएंगे। होली वाले दिन सूर्योदय से पूर्व उस डाल को तोड़कर ले आए। रात को उस डाल एवं उसके पत्तों का पूजन कर अपनी गद्दी के नीचे रखें। व्यवसाय खूब फलेगा-फूलेगा।
पौरुषत्व प्राप्ति के लिए
जंगली कबूतर की बीट लाकर उसे तेल में मिला लें तथा रात को उसे सामने रखकर रात्रि में निम्न मंत्र का जाप करें:
ऊँ कामाय नम: तथा इस तेल की मालिश करने से पुरुषेंद्रिय शक्तिशाली होती है।
धन में वृद्धि हेतु
ऊँ नमो धनदाय स्वाहा
होली की रात इस मंत्र का जाप करने से धन में वृद्धि होती है।
रोग नाश हेतु
ऊँ नमो भगवेत रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा, इस मंत्र का होली की रात जाप करने से कैसा भी रोग हो नाश हो जाता है।
शीघ्र विवाह हेतु
- होली के दिन सुब एक साबूत पान पर साबूत सुपारी एवं हल्दी की गांठ शिवलिंग पर चढ़ाएं तथा पीछे पलटे बगैर अपने घर आ जाएं यही प्रयोग अगले दिन भी करें। अतिशीघ्र विवाह हो जाता है।
- गोरखमुण्डी का पौधा लाकर उसको धोकर होली की रात उसका पूजन करें फिर उसको होली की अग्नि में सुखा दें तथा पांच दिन सूखने दे पंचमी के दिन उसको पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण कई प्रयोग में आता है।
- सुबह शाम इस चूर्ण को शहद से चाटने पर स्मरण एवं भाषण शक्ति बढ़ती है।
- दूध के साथ इस चूर्ण का सेवन करने से शरीर स्वस्थ और बलिष्ठ होता है। इस चूर्ण के पानी से बाल धोने पर बाल लंबे और काले घने होते हैं। इस चूर्ण के तेल से शरीर की ऐंठन, जकड़न दूर होती है।
--------------------
ऐसे बचें टोटकों से
टोने-टोटके के लिए सफेद खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जाता है। होलिका दहन वाले दिन सफेद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिये।
*उतार और टोटके का प्रयोग सिर पर जल्दी होता है, इसलिए सिर को टोपी आदि से ढके रहें।
*टोने-टोटके में व्यक्ति के कपड़ों का प्रयोग किया जाता है, इसलिए अपने कपड़ों का ध्यान रखें।
*होली पर पूरे दिन अपनी जेब में काले कपड़े में बांधकर काले तिल रखें। रात को जलती होली में उन्हें डाल दें। यदि पहले से ही कोई टोटका होगा तो वह भी खत्म हो जाएगा।

होली के दिन क्या करें और क्या न करें- यहां पढ़ें।