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Thursday, October 20, 2011

जल्दी बुखार उतारने का यंत्र

मौसम बदल रहा है, बुखार का मौसम है। बुखार भी कई तरह के होते है,कभी शारीरिक बुखार होता है,तो कभी दिमागी बुखार होता है,कभी पैसे का बुखार होता है,तो कभी रिस्तों का बुखार होता है,बुखार का मतलब केवल मलेरिया या टाइफ़ाइड से ही नही लेना चाहिये,सबसे खराब रिस्तों का बुखार होता है,इस बुखार में आदमी को दिन का चैन और रात की नींद नही मिल पाती है,पति को लवेरिया का बुखार आ गया तो मान लीजिये दुनिया के किसी हकीम और डाक्टर की हिम्मत नही है,कि वह उस बुखार को निकाल दे,इस यंत्र को किसी प्लेट में नीबू के रस से बनाकर उस प्लेट में हरी सलाद आदि रख कर किसी भी बुखार से पीडित व्यक्ति को दो चार दिन लगातार खिलाई जावे,तो उसका बुखार जल्दी उतर जायेगा.

परीक्षा में सफलता दिलाने वाला यंत्र

सालभर पूरी मेहनत से पढाई की जावे और जब परीक्षा हाल में बैठा जावे,तो आगे पीछे का सब कुछ भूलकर लिखा जाने वाला मैटर और पूंछे जाने वाले सवाल किसी का उत्तर नही दिया जावे,तो रिजल्ट तो वही होगा,जो सभी जानते है,यानी फ़ेल होना,समय भी खराब हुआ,धन भी बेकार हुआ,और साथ वालों के साथ पीछे रह जाने से बदनामी भी मिली,अक्सर ग्रहों के द्वारा जब काफ़ी खोजबीन की गयी तो एक बात का पता चला कि राहु की दशा या अन्तर्दशा में अक्समात सब कुछ खत्म हो जाता है,आदमी की सभी चालाकियां शंका के रहते या तो बिलकुल खत्म हो जाती है,या फ़िर वह सही को गलत और गलत को सही कहने लगता है,आजकल आब्जेक्टिव-टाइप सवाल होने से टिकमार्का लगाते वक्त दिमाग एक दम घूम जाता है,और जो सोच कर लिखना होता है,उसे अक्समात बिना किसी सोच समझ के लिख दिया जाता है,इस यंत्र को धारण करने के बाद अधिकतर मामलों में सफ़लता मिलती देखी गयी है,लाल कागज पर लाल चन्दन से लिख कर इस यंत्र को सौंफ़ और शक्कर के साथ किसी लाल रंग की पालीथीन में रखकर और लाल रंग के कपडे में बान्ध कर या चांदी के ताबीज में भरकर पुरुष अपनी दाहिनी भुजा पर और महिलायें अपनी बायीं भुजा पर बान्ध लें,साथ ही किसी प्रकार अम्ल या गुटका,तम्बाकू,बीडी सिगरेट शराब या कोई नशे की गोली आदि ली जा रही हो तो फ़ौरन उसे त्याग कर हनुमानजी का पाठ या किसी प्रकार से धार्मिक कार्यों में मन लगाना चाहिये,परीक्षा में पास होने या इन्टर्व्यू में सफ़लता के बाद दस गरीबों को भोजन खिलाने से पूरा असर जिन्दगी भर रहता है.